स्वामी विवेकानंद जी की जयंती

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती (12 जनवरी ) पर

 गीत-✍️उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

भारत का गौरव कहलाते, आज विवेकानंद हमारे 
सबके मन में बसे हुए हैं ,बने यहाँ आँखों के तारे।
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सन् अट्ठारह सौ के बाद तिरेंसठवीं सन् आई थी जब
थी बारह जनवरी और कलकत्ता नगरी भायी थी तब
आज कोलकाता कहलाती, लेकिन तब की बात और थी
अविभाजित बंगाल प्रान्त की, नगरी यह बन गयी मौर थी
और यहीं जब किया अवतरण, सब ने कहा नरेन्द्र नाथ जी
माता थीं भुनेश्वरी जी, और पिता थे विश्वनाथ जी
माता जी जब धर्म परायण,वे भी कैसे पीछे रहते 
महादेव के साथ राम जी को भी मन में सींचे रहते
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राम कृष्ण जी परमहंस के, वे थे इतने हुए दुलारे 
अपनी दैवी शक्ति उन्हें दे,परमहंस जी स्वर्ग सिधारे ।
भारत का गौरव.....
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सारे भारत में वे घूमे, जन- जन के प्रति रहे समर्पित
और गुरू जी की स्मृति में, किया मिशन खुद ही स्थापित
अमरीका के नगर शिकागो, में सम्मेलन था आयोजित
गए विवेकानंद जी वहाँ, व्याख्यान में हुए सम्मिलित 
आँखें खोलीं विद्वानों की, और सभी कुछ किया नियोजित
मानवता ही सर्वश्रेष्ठ है, यह सिद्धांत कर दिया जीवित
फिर 'दरिद्र देवो भव' कहकर, किया असम्भव भी सम्भावित
मिलजुल कर सब रहें धरा पर, सद्भावों से हों प्रभावित
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जो भी दीन दु:खी दिखता था, उसके वे बन गए सहारे
संघर्षों से रहे जूझते,हिम्मत कभी नहीं वे हारे।
भारत का गौरव.....
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 देश -विदेश भ्रमण में अपने, ऐसे सोलह साल बिताए
रहा न कोई कहीं पराया, मानवता के दीप जलाए
जब बेलूर मठ रहा उनका, अंतिम दो वर्षों का डेरा
बहुत अधिक श्रम के कारण ही, बीमारी ने उनको घेरा
चार जुलाई उन्निस सौ दो, को उनका देहांत हो गया 
जागरूक करके दुनिया को, कितना अच्छा संत सो गया
अल्प समय में भी उन्होंने, इतना काम दिखाया करके 
जो अभूतपूर्व कहलाया, निर्बल भी फिर रहा न डरके 
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सीधे -सच्चे मन के थे वे, सबसे वे लगते थे न्यारे 
नहीं भूल सकते हम उनको, वे हैं हमको इतने प्यारे।
भारत का गौरव.....
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 रचनाकार- ✍️उपमेन्द्र सक्सेना एडवोकेट
'कुमुद- निवास' 
बरेली (उ० प्र०)
 मोबा० नं०- 9837944187

( हिंदी दैनिक 'आज' में प्रकाशित  रचना)

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5 Comments

madhura

13-Jan-2023 03:26 PM

nice

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Mahendra Bhatt

13-Jan-2023 10:35 AM

शानदार

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Gunjan Kamal

13-Jan-2023 08:52 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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